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श्री अक्षरगीता महिमा वैभव

वीरेंदर शर्मा

प्रकाशक : अनुराधा प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 10143
आईएसबीएन :9789385083365

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गीता के प्रथम पाँच अध्याय पंचानन भगवान महेश्वर के पाँच मुख हैं। आगे के दस अध्याय उनकी दस भुजाएँ हैं। सोलहवाँ अध्याय उनका उदर है। सत्तरहवें व अट्ठारहवें अध्याय उनके दोनों चरण है।

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