जैन साहित्य >> पउमचरिउ (पद्मचरित) (अपभ्रंश, हिन्दी) भाग 3 पउमचरिउ (पद्मचरित) (अपभ्रंश, हिन्दी) भाग 3महाकवि स्वयम्भू
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राम का एक नाम पद्म भी था. जैन कृतिकारों को यही नाम सर्वाधिक प्रिय लगा. इसलिए इसी नाम को आधार बनाकर प्राकृत, संस्कृत एवं अपभ्रंश में काव्यग्रन्थों की रचना की गई.
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