लोगों की राय

नई पुस्तकें >> मेरी असफलताएँ

मेरी असफलताएँ

बाबू गुलाबराय

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12145
आईएसबीएन :9789386054456

Like this Hindi book 0

गुलाबराय जी की हास्य और आत्म प्रवंचना से पूरित आत्मकथा

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

हिंदी साहित्य में जीवनियाँ बहुत कम हैं, जीवनियों में आत्म जीवनियाँ बहुत कम, आत्म जीवनियों में हास्य मात्रा बहुत कम और हास्य में साहित्यिक अथवा बौद्धिक हास्य बहुत कम। इसलिए बाबू गुलाब राय की पुस्तक ‘मेरी असफलताएँ’ अपना एक विशेष महत्त्व रखती है, क्योंकि इसमें एक सुलझे हुए और सुपठित व्यक्ति का आत्मचरित विनोद के प्रकाश से आलोकित होकर सामने आया है।

आत्मचरित लिखने की प्रेरणा अंततः एक प्रकार के परिष्कृत अहंकार से ही मिलती है। पर बाबू गुलाब राय की विनोदप्रियता स्वयं अपनी ओर उन्मुख होकर उस अहंकार को कहीं भी उभरने नहीं देती। भूमिका में बाबू गुलाब रायजी ने बड़े संकोच से कहा है कि उनके जीवन में कुछ भी असाधारण नहीं था, पर उन्होंने जान-बूझकर अपने जीवन के ऐसे ही प्रकरण चुने हैं, जिन्हें साधारण कहा जा सकता है। ऐसा करके उन्होंने गहरे विवेक का परिचय दिया है, क्योंकि ऐसे प्रकरण हर किसी के जीवन में आते हैं तो व्यापकता (यूनिवर्सेलिटी) का आकर्षण हो सकता है, जो हास्य के आवरण में आकर्षक हो उठता है।

गुलाब रायजी के हास्य की विशेषता यह है कि उसमें सहज भाव का आभास होता है। पर जैसा कि कोई साहित्यिक घाघ कह गया है, कला कला को छिपाने में है। पुस्तक में ‘मेरी कलम का राज’ नामक परिच्छेद में गुलाब रायजी ने स्वयं अपनी टेक्नीक की अत्यंत सुंदर और निरपेक्ष (ऑब्जेक्टिव) विवेचना की है।

‘मेरे जीवन की अव्यवस्था’ शीर्षक लेख अपने ढंग का मास्टर पीस है। गुलाब रायजी निर्जीव नहीं हैं, उनकी सजीवता स्रद्बद्घद्घह्वह्यद्गस्र है, जैसे धुंध में बसा हुआ आलोक। इसलिए जहाँ उनका हास्य किसी को अछूता नहीं छोड़ता, वहाँ वह द्वेष दूषित भी नहीं है।

— सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book