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पत्र एवं पत्रकारिता >> पत्रकारिता के नये आयाम

पत्रकारिता के नये आयाम

एस के दुबे

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :192
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13240
आईएसबीएन :8180310981

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परस्पर विरोधी विचारों को समर्थन-विरोध प्रणाली से तौलते हुए तत्व की बाते तथ्य सहित पाठकों के सामने लाना पत्रकार कर्म की सफलता है

पत्रकारिता एक बौद्धिक कर्म है व पत्रकारिता अतीत का मंथन करती है, वर्तमान को संवारती है और भविष्‍य को सुधारने का ताना-बाना बुनती है। 'युग चेतना से समृद्ध' पत्रकारिता ही -. विषम परिस्थतियों का सम्यक विवेचन करके-जनमानस को आम-सहमति के बिन्दु तक ले जाने का मंच प्रदान करती है। युगीन समस्याओं, जन आकांक्षाओं, अपेक्षाओं अ संभावनाओं .. पर ' मनन-चिंतन करके ... एक -सेलिन रचनात्मक-चिंतन। चेतना का प्रवाह .. करना पत्रकारिता है। परस्पर विरोधी विचारों को समर्थन-विरोध प्रणाली से तौलते हुए तत्व की बाते तथ्य सहित पाठकों के सामने लाना पत्रकार कर्म की सफलता है। पत्रकारिता जन-जन को जोड़ने का काम करती है। इसका प्रमुख कार्य मेल-जोल की संस्कृति का विकास करना है। 21 वीं सदी की पत्रकारिता महज सैद्धांतिक या वैचारिक ही नहीं रह गई है। उस पर ' 'व्यावसायिक निरन्तर हाबी होती जा रही है। विश्‍वविद्यालयों कैथ अध्यापक पहले से : तथा कार्यरत पत्रकार दूसरे से सम्बन्ध रखते हैं। पत्र-पत्रिका आखिर व्यावसायिक उत्पाद भी है

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