संस्मरण >> सुधियाँ कुछ अपनी, कुछ अपनों की सुधियाँ कुछ अपनी, कुछ अपनों कीअमृतलाल नगर
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आत्मकथा के सम्बन्ध में नगर जी का मत था कि ‘उसे कोरी अहम्-कथा बनाकर लिखने से बेहतर है न लिखना।
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