नाटक-एकाँकी >> नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपक नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपकहजारी प्रसाद द्विवेदीपृथ्वीनाथ द्विवेदी
|
0 |
इस पुस्तक में धनंजय कृत कारिकाओं के अलावा धनिक की वृत्ति तथा नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा का परिचय देने के लिए आचार्य द्विवेदी ने अपना एक निबन्ध भी जोड़ा है।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined offset: 1
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book