कहानी संग्रह >> प्रतिनिधि कहानियाँ : काशीनाथ सिंह प्रतिनिधि कहानियाँ : काशीनाथ सिंहकाशीनाथ सिंह
|
0 |
ध्वस्त होते पुराने समाज, व्यक्ति-मूल्यों तथा नई आकांक्षाओं के बीच जिस अर्थद्वन्द को जन-सामान्य झेल रहा है, उसकी टकराहटों से उपजी, भयावह अन्तःसंघर्ष को रेखांकित करती हुई ये कहानियों पाठक को सहज ही अपनी-सी लगने लगती हैं।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined offset: 1
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book