लोगों की राय

जीवन कथाएँ >> हमारे रामनाथ कोविन्द

हमारे रामनाथ कोविन्द

सर्वेश तिवारी राजन

प्रकाशक : सुपर प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :292
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16065
आईएसबीएन :978-93-83688-32-6

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द के जीवन के संस्मरण

संस्मरण (निजता की भेंट-जैसा उन्हें देखा व सुना)

33- माननीय कोविन्द जी से आत्मीय सम्बन्ध- अनिल कुमार गुप्त
34- सच को स्वीकार करने की क्षमता बिरले लोगों में ही होती है- डॉ. सुरेश द्विवेदी
35- माननीय कोविन्द जी से प्रथम मिलन - रमेश चन्द्र गुप्ता
36- कोविन्द जी से मेरी पहली भेट- सी. ए. प्रदीप कुमार गोयनका
37- स्मृति के झरोखे से ...- चन्द्र प्रकाश गुप्त
38- सहज एवं सरल व्यक्तित्व- ज्ञानेन्द्र सिंह चौहान
39- भाव विभोर बी. एन. एस. डी. कालेज, कानपुर- आर. के. सिंह
40- माननीय श्री रामनाथ कोविन्द जी के जीवन का प्रेरक प्रसंग- डॉ. विनय कृष्णा
41- राष्ट्रपति भवन में एक दिन- डॉ. मनोज अवस्थी
42- राष्ट्रपति भवन : यात्रा संस्मरण - नन्द किशोर मिश्रा
43 -कोविन्द जी : व्यक्तित्व के पीछे शिशु सी सरलता, योग्य शासक की दृढ़ता, एक संत सी सहजता, अहंकारशून्यता
एवं निर्लिप्तता - अंगद सिंह
44 - रामनाथ कोविन्द : राज्यसभा सांसद से राष्ट्रपति तक - श्याम मोहन दुबे
45- श्री रामनाथ कोविन्द - जैसा उन्हें देखा - डॉ. राकेश शुक्ल
46- कोविन्द जी का राजनीतिक जीवन निर्विवाद तथा समाज के शोषित, पीड़ित वर्ग के कल्याण के लिए हमेशा
प्रयत्नशील रहा-वी. के. मिश्रा एवं अनिकेत मिश्रा 
47- कोविन्द जी के नेतृत्व-यात्रा के अनेक सोपान हैं, जिनके माध्यम से वे निरन्तर सामाजिक सेवाओं में संलग्न रहे- अखिलेश शुक्ल एवं रत्नेश शुक्ल
48- बात जो दिल में घर कर गयी -सर्वेश तिवारी (राजन)
49- स्मृतियों के झरोखे से- डॉ. अरविन्द नारायण मिश्र
50 - हिन्दी साहित्य प्रेमी - महामहिम) श्री रामनाथ कोविन्द जी के साथ एक शाम- रामकुमार शुक्ल (राम)
51- अपने गुरुओ का मान कोविन्द जी ने बढ़ाया- दिवाकर मिश्र
52- हमारे रामनाथ कोविन्द जी सांसदी से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर -सतीश चन्द्र मिश्र
53- अद्भुत, अलौकिक किन्तु अत्यन्त मिलनसार व्यक्ति : श्री रामनाथ कोविन्द - डॉ. जय गोयल
54- माननीय श्री रामनाथ कोविन्द जी के साथ बिताये गये कुछ स्वर्णिम पलो के संस्मरण - प्रो. एल. एन. वर्मा
55- महामहिम ने लाइब्रेरियन डी.जी. की पुस्तक का विमोचन किया - डॉ. क्षमा त्रिपाठी
56- महामहिम द्वारा सर्किट हाउस कानपुर  में हुआ था विमोचन- सुकर्ण चन्देल
57- मानों खुली आँखों से देख रहे हों सपना - श्याम बाबू जी
58- भतीजे दीपक ने चाचा से हुई बातचीत को साझा किया- दीपक कोविन्द
59- अपने शिष्य को देश के राष्ट्रपति के रूप में स्वागत करता देखआज गुरू जी भी धन्य हो गये - दिवाकर मिश्र
60- जब प्रोटोकॉल तोड़ राष्ट्रपति जी ने छुए गुरू के पैर- दिवाकर मिश्र

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book