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विविध उपन्यास >> वे दिन

वे दिन

निर्मल वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2002
पृष्ठ :272
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2460
आईएसबीएन :81-267-0473-x

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इस उपन्यास के पात्र, निर्मलजी के अन्य कथा-चरित्रों की ही तरह सबसे पहले व्यक्ति है, लेकिन मनुष्य के तौर पर वे कहीं भी कम नहीं हैं बल्कि बढ़कर हैं, किसी भी मानवीय समाज के लिए उनकी मौजूदगी अपेक्षित मानी जायगी उनकी पीड़ा और उस पीड़ा को पहचानने, अंगीकार करने की उनकी इच्छा और क्षमता उन्हें हमारे मौजूद असहिष्णु समाज के लिए मूल्यवान बनाती है।

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