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नेहरू बाल पुस्तकालय >> बर्फ के आदमी

बर्फ के आदमी

सूर्यनाथ सिंह

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6224
आईएसबीएन :81-237-4939-6

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बच्चों के लिए रोमांच से भरपूर कहानी है बर्फ के आदमी.....

Barf Ke Aadmi-A Hindi Book by Suryanath Singh - बर्फ के आदमी - सूर्यनाथ सिंह

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

बर्फ के आदमी
1

मौसम काफी सुहावना हो गया था। रात को देर तक तेज बारिश होती रही थी। सुबह से हवा भी चल रही थी, इसलिए पिछले कुछ दिनों में जो गर्मी और उमस की वजह से बेचैनी बनी हुई थी। वह समाप्त हो गयी थी। हालांकि बारिश बंद हुए काफी देर हो गयी थी, सड़कों के किनारे कहीं-कहीं छोटे-छोटे गड्ढों में जरूर कुछ-कुछ पानी भरा हुआ था, पर सड़कें बिल्कुल साफ थीं। सूरज निकल आया था, लेकिन आसमान में बादलों का जमावड़ा अब भी बना हुआ था। इसलिए धूप तीखी नहीं थी, सूरज उन बादलों में लुकता-छिपता कभी-कभी बाहर निकल कर पूरी तरह चमक जाता था। पे़ड-पौधे पर जमी धूल गर्द धुल गयी थी। उन्हें देख कर लगता था पेड़ भी मौसम बदलने से राहत महसूस कर रहे हैं। एक दिन पहले जब तन्मय अपने मम्मी-पापा के साथ सरिस्का अभयारण्य देखने के लिए पहले घर से रवाना हुआ था। तो उसे अंदाजा भी नहीं था कि उसकी यह यात्रा इतनी सुखद होगी।

एक तो कल का यात्रा की थकान और दूसरे मौसम ठंठा होने के कारण सुबह तन्मय और उसके मम्मी-पापा की नींद देर से खुली। होटल से नाश्ता करके सरिस्का के लिए निकलते–निकलते देर हो गयी थी।


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