हास्य-व्यंग्य >> प्रेमचन्द के फटे जूते प्रेमचन्द के फटे जूतेहरिशंकर परसाई
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इन रचनाओं में परसाई ने अपने युग के समाज का, उसकी बहुविध विसंगतियों, अन्तर्विरोधों और मिथ्याचारों का विवेचन किया है...
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