लोगों की राय

परिवर्तन >> कन्यापक्ष

कन्यापक्ष

विमल मित्र

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 7615
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

128 पाठक हैं

इसमें उर्वशी का चरित्र-चित्रण किया गया है....

Kanyapaksha

प्रस्तुत है पुस्तक के कुछ अंश

सोना दीदी कहती थीःउर्वशी की तरह किसी नारी का चित्रण कर जो किसी की माँ नहीं, बेटी नहीं, पत्नी नहीं-लेकिन सब कुछ है। ‘विक्रमोर्वशीय’ पढ़ा है न ?
लगता था, सोना दीदी मानो अपने ही बारे में कह रही हों। लेकिन मैंने जिनको देखा था, वे सब तो साधारण लड़कियाँ थीं। मुझे बड़ा घमंड था कि मैंने अनेक विचित्र नारी-चरित्र देखे हैं। लेकिन सोना दीदी की बातों से लगा कि जो सचमुच उर्वशी को देख सका है, उसके लिए तो अन्य नारियाँ तुच्छ हैं।
विमल बाबू ने अपने प्रारम्भिक जीवन में देखे ऐसे ही कुछ उर्वशी-चरित्रों का चित्रण ’कन्या पक्ष’ में किया है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book