लोगों की राय

नारी विमर्श >> आजाद औरत कितनी आजाद

आजाद औरत कितनी आजाद

शैलेन्द्र सागर, रजनी गुप्ता

प्रकाशक : सामयिक प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :196
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8773
आईएसबीएन :9788171381685

Like this Hindi book 1 पाठकों को प्रिय

285 पाठक हैं

अच्छी बात यह है कि यहाँ स्त्री ही स्त्री-निमर्श करती नजर नहीं आती, पुरुष विचारक भी साथ में हैं...

Ek Break Ke Baad

औरत की आजादी को लेकर वाद विवाद और संवाद तो खूब होता रहा है, लेकिन आजाद औरत कितनी आजाद है, इस पर विधिवत विमर्श कम ही हुआ है। यह पुस्तक इस दृष्टि से बेहतर दुनिया की तलाश है।

यहां एक ओर पुरुष वर्चस्व और स्त्री-मुक्ति की चुनौतियों को समझने की कोशिश सामने है तो स्त्री के आधारभूत सम्मान को प्रश्न को रेखांकित करने की भी। औरत की बदलती दुनिया पर एक नजर दिखाई देती है तो स्त्री-विमर्श की चुनौतियों और संभावनाओं के साध-साथ नारीवाद की विचारभूमि भी प्रस्तुत है।

इस पुस्तक का मंतव्य स्त्री-संघर्ष के विविध पहलुओं को सामने रखते हुए भूमंडलीकृत समय में स्त्री-मुक्ति की दिशा की सही तस्वीर सामने रखता है।

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book