नारी विमर्श >> औरत होने की सजा औरत होने की सजाअरविन्द जैन
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पुस्तक पढ़ने के बाद हो सकता है, आपको भी लगे, ‘‘अरे, ऐसे भी कानून हैं ? मुझे तो अभी तक पता ही नहीं था!’’ या फिर, ‘‘हम तो सोच भी नहीं सकते कि सुप्रीम कोर्ट से सजा के बावजूद हत्यारे सालों छुट्टे घूम सकते हैं।’’
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