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नारी विमर्श >> औरत होने की सजा

औरत होने की सजा

अरविन्द जैन

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :275
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8774
आईएसबीएन :9788126712380

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पुस्तक पढ़ने के बाद हो सकता है, आपको भी लगे, ‘‘अरे, ऐसे भी कानून हैं ? मुझे तो अभी तक पता ही नहीं था!’’ या फिर, ‘‘हम तो सोच भी नहीं सकते कि सुप्रीम कोर्ट से सजा के बावजूद हत्यारे सालों छुट्टे घूम सकते हैं।’’

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