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10 प्रतिनिधि कहानियाँ (स्वयं प्रकाश)

स्वयं प्रकाश

प्रकाशक : किताबघर प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :140
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9037
आईएसबीएन :81-7016-620-9

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10 प्रतिनिधि कहानियाँ (स्वयं प्रकाश)...

10 Pratinidhi Kahaniyan (Svayam Prakash) - A Hindi Book by Svayam Prakash

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

भारतीय श्रमिक तथा वंचित वर्ग के कथा-नायकों को जो सत्कार तथा पक्षधरता स्वयं प्रकाश की कहानियों में मिली है, वैसे उजले उदाहरण समकालीन हिंदी कहानी में गिने-चुने ही हैं। इन वंचित वर्गों के स्वप्नों को दुःस्वप्नों में बदलने वाली कुव्यवस्था को यह कथाकार केवल चिह्नित ही नहीं करता, बल्कि इसके मूल में बसे कुकारणों को पारदर्शी बनाकर दिखाता है तथा उस जाग्रति को भी रेखांकित करता है जो कि अंततःलोक-चेतना का अनिवार्य तत्त्व है। और खास बात यह है कि इस सबके उद्घाटन-प्रकाशन में यहाँ लेखक जीवन के हर स्पंदन और उसके आयामों पर कहानी लिखने को उद्यत दिखाई पड़ता है। अर्थात् सम्यक् लोक-चेतना की ‘साक्षरता’ इन कहानियों में वर्णित जीवन में यथोचित पिरोई गई है।

कहानी की कला की गुणग्राहकता से लबरेज़ ये कहानियाँ विचारधारा के प्रचार और संदेश के ‘उपलक्ष्य’ को मिटाकर व्यवहार के धरातल तक पाठक को सहज ही ले आती हैं। पात्रों की आपबीती को जगबीती बनाने का संकल्प यहाँ प्रामाणिक रूप में उपस्थित हुआ है।

स्वयं प्रकाश द्वारा स्वयं चुनी गई ‘दस प्रतिनिधि कहानियाँ’ हैं- ‘नीलकांत का सफर’, ‘सूरज कब निकलेगा’, ‘पार्टीशन’, ‘क्या तुमने कभी कोई सरदार भिखारी देखा ?’, ‘नैनसी का धूड़ा’, ‘बलि’, ‘संहारकर्ता’, ‘अगले जनम’, ‘गौरी का गुस्सा’ तथा ‘संधान’।

हमें विश्वास है कि इस सीरीज के माध्यम से पाठक सुविख्यात लेखक स्वयं प्रकाश की प्रतिनिधि कहानियों को एक ही जिल्द में पाकर सुखद पाठकीय संतोष का अनुभव करेंगे।

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