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उपन्यास >> वह अपना चेहरा

वह अपना चेहरा

गोविन्द मिश्र

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9150
आईएसबीएन :9788126727582

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वह अपना चेहरा ...

Voh Apana Chehra - A Hindi Book by Govind Mishra

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

वह अपना चेहरा करीब-करीब अमानवीय और जड़ होता जाता संसार गोविन्द मिश्र के लेखन की मुख्य चिन्ताओं में से है। जहाँ वे एक परिवेश का केवल भीतरी-बाहरी कच्चा चिट्ठा-भर प्रस्तुत करते हैं, वहाँ भी सर्जनात्मक व्यथा मानवीयता और मूल्यों के न होने की ही होती है। गोविन्द मिश्र के लेखन का मूल स्वर सकारात्मक है जो उनकी रचनाओं में उत्तरोत्तर साफ होता चला गया है। ‘वह अपना चेहरा’ एक तलाश है जो चेहरों से शुरू होकर जीवन-पद्धति एवं मान्यताओं से होती हुई नैतिकता और मूल्यों तक जाती है। नौकरशाही का परिवेश, दफ्तरी मानसिकता, फाइलों-इमारतों की दुनिया यहाँ एक ऐसे तनाव के माध्यम से उभारे गए हैं जो जितना उग्र है, उतना ही फिजूल-लालफीताशाही के अपने स्वभाव की तरह। यहाँ चेहरे भी फाइलों की तरह घूम रहे हैं, ‘अपना’ चेहरा ‘वह’ हो जाता है, वही जिसके खिलाफ उसकी लड़ाई थी। चरित्रों की गहरी पकड़, कलात्मकता और भाषा का एक अपने ढंग का खुरदुरापन इस उपन्यास को विशिष्ट बनाते हैं।

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