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गीता प्रेस, गोरखपुर >> विनयपत्रिका

विनयपत्रिका

गीताप्रेस

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :369
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 992
आईएसबीएन :81-293-0126-1

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प्रस्तुत है गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित विनय पत्रिका सरल भावार्थ सहित।

Vinay Patrika A Hindi Book by Gitapress Gorakhpur - विनयपत्रिका - गीताप्रेस

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

।।श्रीहरि:।।
नम्र निवेदन


इस विनय-पत्रिका के दूसरे संस्करण में पाठ का  संशोधन विशेष रूप से किया गया था। संस्कृत और अधिकांश संस्कृत-पदों में प्राय: शुद्ध शब्दों का प्रयोग रखा गया था। अन्य पदों में प्राय: पूर्ववत् ही पाठ रखा था। भावार्थ में अनेकों आवश्यक संशोधन किये गये थे। परिशिष्ट कथा-भाग जोड़ दिया गया था, जिससे पुस्तक की उपादेयता और भी बढ गयी। पाठ और भावार्थ के संशोधन में श्रीरामदास जी गौड़ एम.ए. महोदय से एवं श्रीचिम्मनलाल जी गोस्वामी एम.ए. शास्त्री से बड़ी सहायता मिली थी, इसके लिये मैं उनका हृदय से कृतज्ञ हूँ। तीसरे संस्करण में कहीं-कहीं भावार्थ से साधारण परिवर्तन किया गया था।

श्रीराम कृपा से इसी बहाने कुछ श्रीरामचर्चा की सुविधा मिल जाती है, यह मेरा सौभाग्य है। महात्मा संत, विद्वान और विज्ञ पाठक-पाठिकाएँ मेरी इस  धृष्टता के लिये कृपापूर्वक क्षमा करें।

विनीत
हनुमानप्रसाद पोद्दार

 

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