बाल एवं युवा साहित्य >> द्विभाषी पुस्तकें
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नन्हा हाथी लाय-लायशेखर दत्तात्री
मूल्य: $ 7 यह कहानी नन्हा हाथी लाय-लाय की है जो घने जंगल में रहता है, वह कौतूहली और नटखट है, पर उसे अपनी माँ के आसपास ही रहना है जब तक वह स्वावलंबी नहीं हो जाता... आगे... |
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नोरबू के नए जूतेचौंग दोर्जी भूटिया
मूल्य: $ 6.5 नोर्बू के पापा उसे नए जूतों का जोड़ा खरीदकर देते हैं। फिर एक बंदर आता है... आगे... |
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मुर्गा और सूरजमेरिन इमचेन
मूल्य: $ 7 सब तेरा कसूर है, वह सूरज को डाँटता है... आगे... |
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रातजुनुका देशपाण्डे
मूल्य: $ 6 दो बच्चे जब अपने को रात में जंगल की सैर करते हुए पाते हैं तो क्या होता है... आगे... |
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समुद्र का तोहफ़ासंध्या राव
मूल्य: $ 4 रानी सारा दिन समुद्र-तट पर गुज़ारती है। वह अपनी दादी के लिए एक तोहफ़ा ले जाना चाहती है... आगे... |
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घुँघराली जलेबीरेखा भिमानी
मूल्य: $ 4.5 राजा को जलेबियाँ बेहद पसंद हैं। वह उनके बारे में सपने देखता है... आगे... |
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गाँव का मेलाराधिका मेघनाथन
मूल्य: $ 4.5 मीनू गाँव के मेले के लिए इतनी उत्साहित है ! पर वह गिर जाती है और उसका पैर टूट जाता है... आगे... |
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मैं कौन हूँ?साक्षी जैन
मूल्य: $ 6 मैं कौन हूँ? आगे... |
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बीजदीपा बलसावर
मूल्य: $ 4.5 मुझे एक बीज मिला, मैंने उसे गमले में डाला, और इंतजार करती रही... आगे... |
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ऊपर नीचेविनायक वर्मा
मूल्य: $ 4 छोटा-सा अप्पू सीसॉ पर खेलना चाहता है। पर दूसरी तरफ कौन बैठेगा ? टिड्डा ? या चूहा ? या... आगे... |
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आना और चेनासौम्या राजेन्द्रन
मूल्य: $ 6.5 आना हाथी को अपना चेहरा पसंद नहीं है। पर चेना रतालू कहता है कि वह सुंदर है। कैसे ? पूछता है आना। आगे... |
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बचाओ ! बचाओ !संध्या राव
मूल्य: $ 4 ‘‘बचाओ ! बचाओ !’’ पुकारता है काला चींटा जब छोटा काला चींटा पानी में गिर जाता है... आगे... |
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मल्लीजीवा रघुनाथ
मूल्य: $ 3.5 मल्ली के मामा अपने परिवार के साथ गाँव आए हैं। मल्ली उनके लिए क्या उपहार ले जाएगी ? आगे... |
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शहर में मेरे दोस्तसामिना मिश्रा
मूल्य: $ 6 कौन कहता है कि शहर सिर्फ़ लोगों का है ? मिलिए मोती हाथी, फड़ फड़ कबूतर, बन्नों भैंस और कई दो- और चार-टाँगों वाले जीवों से, जो भी शहर में रहते हैं। आगे... |
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बेबी बेबू भालूदीपा बलसावर
मूल्य: $ 7 यह बेबू की कहानी है, जो कि एक नन्ही रीछ है। वह जंगल में रहती है... आगे... |
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जिगरी दोस्तनीना सबनानी
मूल्य: $ 6.5 एक छोटी लड़की और एक पेड़ घंटों बातें करते रहते हैं। पर दूसरे बच्चे उनपर हँसते हैं। भला पेड़ बोल सकता है ? वे पूछते हैं। आगे... |