उपन्यास
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सम्भाजीविश्वास पाटील
मूल्य: $ 20.95
सम्भाजी' उपन्यास में मराठी के अग्रणी उपन्यासकार विश्वास पाटिल ने छत्रपति शिवाजी के पुत्र छत्रपति सम्भाजी के धीरोदात्त और संकल्पशील युद्धवीर व्यक्तित्व का यथार्थ चित्र प्रस्तुत किया है… आगे... |
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ईहामृगनीरजा माधव
मूल्य: $ 11.95 इहामृग' नीरजा माधव का एक विशिष्ट उपन्यास है। उपन्यास के केंद्र में है तथागत गौतम बुद्ध की... आगे... |
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अहिरनइन्दिरा गोस्वामी
मूल्य: $ 12.95
प्रतिष्ठित असमिया लेखिका डॉ. इन्दिरा गोस्वामी के लघु उपन्यास 'अहिरन' का यह हिन्दी अनुवाद है… आगे... |
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ओ इजाशम्भूदत्त सती
मूल्य: $ 10.95 ओ इजा' युवा लेखक शम्भुदत्त सती का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में एक पहाड़ी गाँव--झंडीधार--का अंकन है… आगे... |
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अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर 1वीरेन्द्र कुमार जैन
मूल्य: $ 18.95 हजारों वर्षों के भारतीय पुराण-इतिहास, धर्म, संस्कृति, दर्शन, अध्यात्म का गम्भीर एवं तलस्पर्शी मन्थन करके वीरेन्द्रकुमार जैन ने यहाँ इतिहास के पट पर महावीर को जीवन्त और ज्वलन्त रूप में अंकित किया है आगे... |
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अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर 2वीरेन्द्र कुमार जैन
मूल्य: $ 18.95 हजारों वर्षों के भारतीय पुराण-इतिहास, धर्म, संस्कृति, दर्शन, अध्यात्म का गम्भीर एवं तलस्पर्शी मन्थन करके वीरेन्द्रकुमार जैन ने यहाँ इतिहास के पट पर महावीर को जीवन्त और ज्वलन्त रूप में अंकित किया है आगे... |
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अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर 3वीरेन्द्र कुमार जैन
मूल्य: $ 18.95 हजारों वर्षों के भारतीय पुराण-इतिहास, धर्म, संस्कृति, दर्शन, अध्यात्म का गम्भीर एवं तलस्पर्शी मन्थन करके वीरेन्द्रकुमार जैन ने यहाँ इतिहास के पट पर महावीर को जीवन्त और ज्वलन्त रूप में अंकित किया है आगे... |
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अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर 4वीरेन्द्र कुमार जैन
मूल्य: $ 18.95 हजारों वर्षों के भारतीय पुराण-इतिहास, धर्म, संस्कृति, दर्शन, अध्यात्म का गम्भीर एवं तलस्पर्शी मन्थन करके वीरेन्द्रकुमार जैन ने यहाँ इतिहास के पट पर महावीर को जीवन्त और ज्वलन्त रूप में अंकित किया है आगे... |
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आखेटज्ञानप्रकाश विवेक
मूल्य: $ 9.95
आखेट उपन्यास एक बेरोजगार युवक चेतन के घर परिवार, जीवन-संघर्ष, महत्त्वाकांक्षा, सपने, प्रेम, दोस्ती, तनाव, अकेलापन तथा उपेक्षाओं से लड़ने और ताकत हासिल करने की कथा है आगे... |
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महागाथासीतेश आलोक
मूल्य: $ 24.95 अपने शक्तिशाली कथानक एवं प्रभावपूर्ण चरित्र-चित्रण के कारण 'महाभारत' आज हजारों वर्ष बाद भी लोकप्रिय है. आगे... |