लोगों की राय

लेखक:

अपूर्व

अपूर्व का जन्म 24 नवम्बर, 1969 को उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड) के अल्मोड़ा जनपद के शहर रानीखेत में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय रानीखेत से लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ से विज्ञान में स्नातक की डिग्री। तत्पश्चात पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिस्टम मैनेजमेण्ट में प्रवेश लेकिन अन्तिम वर्ष में छोड़ दिया। वर्ष 2001 से हिन्दी साप्ताहिक दि सण्डे पोस्ट का सम्पादन 2005 में दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य कांगो के मानद दूतावास का कार्यभार सँभाला। 2008 में हिन्दी साहित्य की पत्रिका पाखी की शुरुआत। प्रथम दो वर्ष तक पत्रिका का सम्पादन पुनः 2019 से पाखी के सम्पादन में जुटे। विकल्पहीनता का दंश (2018), यहाँ पानी ठहर गया है (2020), लोकतन्त्र, राजनीति और मीडिया (2020), उत्तराखण्ड : हाल बेहाल (2021), राष्ट्र धर्म और राजनीति (2021), एक कहानी-संग्रह यस सर भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित। पाखी के प्रकाशन के साथ ही हिन्दी कहानी लेखन में सक्रिय। हंस, वागर्थ, पुनर्नवा, निकट, पाखी आदि में कहानी प्रकाशन। दैनिक जनसत्ता और दैनिक नवभारत टाइम्स में लेखों का प्रकाशन। इन्दिरा गांधी नेशनल सेण्टर फॉर आर्ट एण्ड कल्चर से सम्बद्ध। भारतीय ओलम्पिक संघ के अन्तर्गत उत्तराखण्ड टाइक्वाण्डु एसोसिएशन के वर्तमान में अध्यक्ष।

एक शॉट बाकी है

अपूर्व

मूल्य: Rs. 299

  आगे...

 

   1 पुस्तकें हैं|