लोगों की राय

लेखक:

बर्टोल्ट ब्रेष्ट

जर्मन नाटककार, कवि, निर्देशक बर्टोल्ट ब्रेष्ट का जन्म 10 फरवरी, 1898 को हुआ था। उनकी ज़िन्दगी और साहित्य का अहम मक़सद था—अमर शान्ति का पैगाम और उसका प्रचार।

ब्रेष्ट ने पहले विश्वयुद्ध में एक मेडिकल टीम के सदस्य के रूप में भाग लिया, परन्तु युद्ध की मारकाट, तबाही और बर्बादी ने उनके मन पर गहरा असर छोड़ा। उन्होंने 1918 में अपनी पहली कविता ‘लीजेंड ऑव द डेड सोल्जर’ लिखी और चौबीस वर्ष की आयु में पहला नाटक ‘ड्रम्स इन द नाइट’ लिखा।

उन्होंने ‘बाल’ (1919), ‘इन द जंगल ऑव सिटीज’ (1923) और ‘मैन इक्वल्स मैन’ (1925) में एक नई नाट्य-प्रस्तुति का प्रयोग किया जो दर्शकों को नाटक के कथ्य से भावनात्मक रूप में जुड़ने से रोकता था। अपने नाटकों ‘ही हू सेज़ यस’ (1929) और ‘ही हू सेज़ नो’ (1930) में उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या क्रान्ति के लिए व्यक्ति की बलि दी जा सकती है। द‌ि ‘एक्सेप्शन एंड ‌द रूल’ में वर्गभेद द्वारा मानव-शोषण का मुद्दा उठाया गया है। पहली प्रस्तुति पर सफलता ‘द थ्री पेनी ओपेरा’ (1928) से मिली थी।

हिटलर के बढ़ते प्रभाव के कारण वह 1933 में जर्मनी से फ़रार हो गए और देशाटन के बाद 1941 में अमरीका पहुँचे। विदेश प्रवास में उन्होंने ‘ए लाइफ़ ऑव गैलीलियो’, ‘मदर करेज एंड हर चिल्ड्रेन’, ‘द गुड वुमन ऑव सेत्जुआन’, ‘द रेस‌िस्टबल राइज़ ऑव आर्टोरो ओई’ तथा ’द कॉकेशियन चॉक सर्किल’ जैसे कालजयी नाटकों की रचना की।

निधन : 14 अगस्त, 1956

खड़िया का घेरा

बर्टोल्ट ब्रेष्ट

मूल्य: $ 10.95

  आगे...

 

   1 पुस्तकें हैं|

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai