लोगों की राय

लेखक:

भगवतीलाल व्यास

सुनहरी भोर का सपना

भगवतीलाल व्यास

मूल्य: $ 1

पोकरण पीछे छूट गया था। बस जैसलमेर की तरफ बढ़ रही थी। सुबह का समय था। हवा में ठंडक थी। कई बरसों बाद इस बरस पानी बरसा था। हवा में ठंडक इसी कारण थी। जब पानी नहीं बरसता तो धोरों वाली यह धरती सुबह से ही आग उगलने लगती है।   आगे...

 

   1 पुस्तकें हैं|

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai