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लेखक:

देवेन्द्र राज अंकुर

दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्व में एम.ए.। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से निर्देशन में विशेषज्ञता के साथ नाट्य-कला में डिप्लोमा।

बाल भवन, नई दिल्ली के वरिष्ठ नाट्य-प्रशिक्षक। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के सदस्य। भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ में नाट्य-साहित्य, रंग स्थापत्य और निर्देशन के अतिथि विशेषज्ञ। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भारतीय शास्त्रीय नाटक और सौन्दर्यशास्त्र के सहायक प्राध्यापक। 'सम्भव', नई दिल्ली के संस्थापक सदस्य और प्रमुख निर्देशक। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के साथ आधुनिक भारतीय रंगमंच में एक बिल्कुल नई विधा 'कहानी का रंगमंच' के प्रणेता। विभिन्न शौकिया और विदेशों में 400 कहानियों, 15 उपन्यासों और 50 नाटकों की प्रस्तुति। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा विभिन्न शहरों में संचालित गहन रंगमंच कार्यशालाओं में विशेषज्ञ, निर्देशक तथा शिविर और कार्यशाला निर्देशक के रूप में सम्बद्ध। देश के विभिन्न रंगमंच संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अतिथि परीक्षक। दूरदर्शन के लिए नाट्य-रूपान्तरण और निर्देशन। हिन्दी की सभी प्रमुख पत्रिकाओं में रंगमंच पर लेख और समीक्षाएँ। अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं से कई प्रसिद्ध नाटकों का हिन्दी में अनुवाद। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में स्वतंत्र रूप से अभिनय, आधुनिक भारतीय रंगभाषण के अध्यापन का भी अनुभव। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, क्षेत्रीय अनुसंधान व संसाधान केंद्र, बंगलौर के श्रीलंका, ब्रिटेन, बुल्गारिया, पोलैण्ड, मारिशस और रूस में रंगकार्यशालाएँ, प्रस्तुतियाँ और अध्यापन।

प्रकाशित कृतियाँ : पहला रंग (1999), रंग कोलाज (2000), दर्शन प्रदर्शन (2002), अंतरंग बहिरंग (2004), सातवाँ रंग (2010)।

संप्रति : निदेशक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय।

राष्ट्र गौरव

एन.सी.गौतम, वी.बी.सिंह, एस.एन.मिश्र

मूल्य: $ 3.95

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सातवाँ रंग

देवेन्द्र राज अंकुर

मूल्य: $ 13.95

"समकालीन रंगमंच का आईना : विषयगत गहराई और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ।"

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