लेखक:
गिरीश रस्तोगी
गिरीश रस्तोगी गिरीश रस्तोगी (1935-2015) हिंदी की प्रतिष्ठित नाट्यालोचक, नाटककार और रंगकर्मी। गोरखपुर विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर और हिन्दी विभागाध्यक्ष। डेढ़ दर्जन से भी अधिक प्रकाशित कृतियों में प्रमुख हैं : हिन्दी कहानी : लिद्धांत और विवेचन (1962), मोहन राकेश और उनके नाटक (1976), समकालीन हिन्दी नाटक की संघर्ष चेतना (1990), हिन्दी नाटक और रंगमंच : नई दिशाएँ, नए प्रश्न (1993), रंगभाषा, हिन्दी नाटक का आत्मसंघर्ष, बीसवीं शताब्दी का हिन्दी नाटक और रंगमंच (2004) (आलोचना पुस्तकें) तथा असुरक्षित (1982) और नहुष (1990) (नाटक)। प्रेमचंद, प्रसाद और अन्य हिन्दी कथाकारों की बहुत-सी कहानियों का नाट्य-रूपांतर किया और लगभग पाँच दर्जन नाटकों को मंच, रेडियो अथवा टेलीविजन के लिए निर्देशित किया। विभिन्न साहित्यिक-सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से संबद्ध रहीं श्रीमती रस्तोगी को महादेवी वर्मा पुरस्कार, आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार; और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कारों सहित अनेक पुरस्कार-सम्मान प्राप्त थे। |
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बीसवीं शताब्दी का हिन्दी नाटक और रंगमंचगिरीश रस्तोगी
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मोहन राकेश और उनके नाटकगिरीश रस्तोगी
मूल्य: $ 9.95 मोहन राकेश के नाटकों का यह अध्ययन वस्तुत: हिन्दी नाटक और रंगमंच की पूर्व स्थिति, उसकी उपलब्धियों और सीमाओं को भी सामने लाता है आगे... |