जन्म : 1927, जीयनपुर, बनारस
आप भारतीय साहित्य के गौरव पुरुष हैं। सन् 1956 में बीएचयू से पीएच.डी. करने के बाद वे बनारस, सागर, जोधपुर, आगरा में अध्यापन कार्य करते हुए 1974 में जेएनयू आए और 18 वर्षों तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक रहे। भारतीय भाषा केन्द्र, जेएनयू के संस्थापक व प्रथम अध्यक्ष रहे।
रचनाएँ : सेवानिवृत्ति, इतिहास और आलोचना, छायावाद, कविता के नए प्रतिमान, कहानी : नई कहानी, पृथ्वीराज रासो : भाषा और साहित्य, हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद।
पुरस्कार : प्रो. सिंह को साहित्य अकादमी पुरस्कार, भारत भारती सम्मान जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और हैदराबाद विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट. की मान उपाधि से अलंकृत किया है। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के वर्तमान कुलाधिपति प्रो. नामवर सिंह आलोचना पत्रिका के प्रधान संपादक भी हैं।