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लेखक:

प्रत्यक्षा

प्रत्यक्षा लिखती हैं , सोचती गुनती हैं, पावरग्रिड में वित्त विभाग की नौकरी करती हैं, संगीत और लिबरल आर्ट में रुचि रखती हैं, इतिहास और समय के रहस्य में मनुष्य के अस्तित्व का सन्दर्भ खोजती हैं। हरेक महादेश में एक बार घूम लेना, हर समन्दर के पानी को छू लेने की ख्वाहिश रखती हैं, इन जगहों के लोगों से मिल लेना, उनका खाना चख लेना, उनकी भाषा सीख लेना, माने ये कि इस एक जीवन में अनेक जीवन जी लेने की तमन्ना रखती हैं।

किताबें जो लिखीं अब तक : जंगल का जादू तिल तिल, पहर दोपहर ठुमरी, एक दिन मराकेश, तुम मिलो दोबारा, तैमूर तुम्हारा घोड़ा किधर है, बारिशगर, Rain Song, Meet me tomorrow।

कुछ अनुवाद भी : मुक्तिबोध पर लेख और उनकी कुछ कविताओं का अंग्रेज़ी में अनुवाद।

सम्मान : 2012 में इंडो नॉर्वेजियन पुरस्कार से अंग्रेज़ी कहानी, दैट आई बी अ गैनेट से सम्मानित, नॉरवे के अन्तराष्ट्रीय लिटरेचर फेस्टीवल बियोर्नसन फेस्टीवालेन में 2014 में सहभागिता, 2011 में सोनभद्र कथा सम्मान, 2012 में इंडो नारवेजियन पुरस्कार, 2013 में कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप, 2015 में संगम हाउस रेसिडेंसी की फेलो रहीं, 2018 में हंस कथा सम्मान।

ग्लोब के बाहर लड़की

प्रत्यक्षा

मूल्य: Rs. 160

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जंगल का जादू तिल-तिल

प्रत्यक्षा

मूल्य: Rs. 120

युवा रचनाकार प्रत्यक्षा का पहला कहानी-संग्रह 'जंगल का जादू तिल-तिल' अनेक दृष्टियों से विशिष्ट है…   आगे...

नैनों बीच नबी

प्रत्यक्षा

मूल्य: Rs. 110

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पहर दोपहर ठुमरी

प्रत्यक्षा

मूल्य: Rs. 175

प्रत्यक्षा की कृति ‘पहर दोपहर, ठुमरी’ जिसमें 14 कहानियां संकलित हैं   आगे...

पारा पारा

प्रत्यक्षा

मूल्य: Rs. 250

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   5 पुस्तकें हैं|