लेखक:
राघवेन्द्र दुबे भाऊ
राघवेन्द्र दुबे भाऊ प्रचलित नाम : भाऊ गाँव : बभनियाँव, रेलवे स्टेशन लार रोड, तहसील सलेमपुर, जिला देवरिया ( उत्तर प्रदेश ) शिक्षा : बीए, एलएलबी छह-सात साल वकालत, उससे पहले छिटपुट रंगकर्म और लम्बी मध्यवाम राजनीतिक सक्रियता (समाजवादी युवजन सभा से सम्बद्ध) के बाद 1987 से ‘दैनिक जागरण’, गोरखपुर से पत्रकारिता की शुरुआत। दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों का पक्ष जाति विघटित (डिकास्ट) और मुकम्मल आदमी होने के लिए प्रयासरत। सपना मानवीय दुनिया का। लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, पटना में तकरीबन 30 साल की संस्थागत पत्रकारिता के बाद आज भी बेचैनी, असुरक्षा और अनिश्चितता से ही पोषण पाता मन और व्यक्तित्व। पत्रकारिता से रोमांस (रोमांसिंग विद जर्नलिज्म) जारी। मोबाइल का कालर ट्यून ‘आवारा हूँ...’ है और यह आवारगी बचाये और व्यक्तित्व में सहेजे रखी है। सम्पर्क : 14 एम, आदित्यनगर, नथमलपुर, गोरखनाथ, गोरखपुर ( उत्तर प्रदेश ) ईमेल : mannu.raghvendra@gmai.com |
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सर्वहारा सामंत : डीपी त्रिपाठीराघवेन्द्र दुबे भाऊ
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