लेखक:
संजीव चोपड़ा
संजीव चोपड़ा का जन्म 3 मार्च, 1961 को हुआ। वे छत्तीस वर्षों तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में सेवारत रहने के बाद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए। ह्यूबर्ट एच. हम्फ़्री फ़ेलोशिप (कॉर्नेल) तथा रॉबर्ट एस. मैक्नमरा फ़ेलोशिप (वर्ल्ड बैंक) धारक हैं। उन्होंने रॉयल एशियाटिक सोसाइटी, लन्दन और लक्ष्मी मित्तल एंड फ़ैमिली साउथ एशिया इंस्टिट्यूट (हार्वर्ड) एवं यूएसआई, नई दिल्ली में महत्त्वपूर्ण पदों पर सेवाएँ दी हैं। वर्तमान में यूपीईएस में लोक नीति तथा स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में इतिहास और लोक नीति के प्रोफ़ेसर हैं। साथ ही दून विश्वविद्यालय में एनटीपीसी चेयर प्रोफ़ेसर के सलाहकार समूह के प्रमुख का दायित्व भी निभा रहे हैं। वे बांग्लादेश, मालदीव, भूटान, कंबोडिया और अफ़्रीकी देशों के सिविल सेवकों के लिए आयोजित किये जाने वाले, विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित एनसीजीजी (नेशनल सेंटर फ़ॉर गुड गवर्नेंस) के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नियमित वक्ता हैं। वर्तमान में देहरादून में रहते हैं और बतौर फ़ेस्टिवल डायरेक्टर वैली ऑफ़ वर्ड्स साहित्य एवं कला महोत्सव का हर वर्ष नवम्बर माह में आयोजन करते हैं। |
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हम भारत के राज्यों के लोगसंजीव चोपड़ा
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यह प्रस्तुतीकरण डॉ. संजीव चोपड़ा द्वारा भारतीय राजनीतिक इतिहास के रूप में देश के भूगोलिक और प्रशासनिक बदलाव को बयान करता है। आगे... |