लेखक:
डॉ. त्रिनेत्र बाजपेयी
मुम्बई निवासी डॉ. त्रिनेत्र बाजपेयी रासायनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक जाना माना नाम हैं। उन्होंने 1972 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा ली। सॉरबॉन विश्वविद्यालय, फ्रांस से पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त कर उन्होंने अपने 50 वर्षीय कार्यकाल में विश्व स्तर पर 45 रासायनिक संयंत्रों को सफलतापूर्वक स्थापित किया। वे एटीईसी (ATEC), केएमपीएल (KMPL), एसएटीईएक्स (SATEX), केएटी म्यूजिक (KAT Music), बाजपेयी लिमिटेड कम्पनी ग्रुप के संस्थापक एवं कार्यकारी अध्यक्ष हैं। केएमपीएल (KMPL) टीवी धारावाहिक और फिल्में बनाती है। स्व. लेख टंडन के निर्देशन में उन्होंने सफल लोकप्रिय टीवी धारावाहिक ‘बिखरी आस निखरी प्रीत’ का निर्माण किया है जो विख्यात संगीतकार ख़य्याम के मोहक संगीत से सुसज्जित है। कम्पनी के तत्त्वावधान में निर्मित ‘फिर उसी मोड़ पर’ चलचित्र 2011 में सिल्वर जुबली मना चुका है, जिसका संगीत त्रिनेत्र बाजपेयी ने ही दिया था। पुरानी हिन्दी फिल्में और उनका कर्णप्रिय संगीत उनके शौक़ हैं। फ़िल्म संगीत का स्वर्ण युग माने जाने वाले 1935 से 1975 के दशकों के अप्रतिम संगीत और उस सुरीले दौर की बेशुमार यादों की अकूत सम्पदा उनके पास है। |
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