लोगों की राय

नई पुस्तकें >> श्रीकृष्ण लीला

श्रीकृष्ण लीला

देवी वनमाली

प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :364
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 10208
आईएसबीएन :9788183228077

Like this Hindi book 0

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

प्राचीनतम मौखिक कथाओं एवं पवित्र ग्रंथों पर आधारित भगवान कृष्ण, जो हिन्दू देवताओं में सर्वाधिक प्रिय मने जाते हैं, को अनेक रूपों में दर्शाया गया है। वे दिव्या बालक, नटखट, आदर्श प्रेमी, विश्व नायक, विलक्षण शासक और ईश-स्वरूप हैं। वनमाली लंबे काल तक कृष्ण-भक्त रहकर कृष्ण-संबंधी विशेषज्ञ बन गई हैं और उन्होंने अपनी इस पुस्तक में भगवान कृष्ण के अवतार जीवन को समग्रता के साथ प्रस्तुत किया है।

भगवद पुराण, भगवद गीता, महाभारत और भारत की मौखिक परंपराओं द्वारा, देवी वनमाली ने कृष्ण के जीवन की अनेक कथाओं का वर्णन किया है। इनमें कारागृह में कृष्ण का जन्म, वृंदावन ने उनके बचपन के नटखट दिन, द्वारका में उनका विलक्षण शासनकाल तथा कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध में वीर अर्जुन के गुरु और सारथी की भूमिका में उनका शक्तिशाली रूप प्रमुख हैं। वनमाली बता रही हैं कि कृष्ण किस प्रकार महायोगी, नटखट प्रेमी और दैवी शासक के अद्भुत गुणों को समाहित करते हुए लेखिका ने दर्शाया है कि कृष्ण के जीवन की कथाओं में उत्कृष्ट सादगी एवं परिहास की अभिव्यक्ति कुछ इस तरह हुई है कि सभी - पुरुष, स्त्री अथवा बालक - भगवान कृष्ण के उपदेशों में छिपे ज्ञान को आत्मसात कर सकते हैं।

यह मनुष्य के रूप में परमात्मा की कथा है, जिसके चिंतन द्वारा श्री कृष्ण का दिया ज्ञान, अंतर्मन को आलोकित कर सकता है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai