नई पुस्तकें >> आत्महत्या आत्महत्यासंजय कुमार सिन्हा
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
हर व्यक्ति अपने जीवन में दुविधा के दौर से गुजरता है। लेखक ने अपने विचारों और अनुभवों की साझेदारी द्वारा युवाओं को परेशान करनेवाली स्थिति से निपटने में मदद करने का प्रयास किया है, जो नौकरी की तलाश में, परीक्षा या प्रतियोगिता-परीक्षा में असफलता से पैदा होती है और पीडि़त व्यक्ति को जीने का कोई कारण नहीं दिखाई देता है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘आत्महत्या’ का उद्देश्य यह बताना है कि परीक्षा, प्रतियोगिता-परीक्षा में असफल हो जाने के बाद जीवन का अंत करना समस्या का समाधान नहीं है। इस पुस्तक के माध्यम से इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रयास किया गया है, जो अनेक युवाओं का जीवन ले लेती है और अनेक घरों की रोशनी को बुझा देती है।
प्रतिदिन अखबार इस तरह की खबरों से भरे रहते हैं कि पढ़ाई से बढ़े तनाव के कारण कुछ युवाओं ने अपने जीवन का अंत कर दिया और अपने पीछे बिलखते माता-पिता और परिवार को छोड़ दिया। इस स्थिति का अंत होना चाहिए—और यही इस पुस्तक का उद्देश्य है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘आत्महत्या’ का उद्देश्य यह बताना है कि परीक्षा, प्रतियोगिता-परीक्षा में असफल हो जाने के बाद जीवन का अंत करना समस्या का समाधान नहीं है। इस पुस्तक के माध्यम से इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रयास किया गया है, जो अनेक युवाओं का जीवन ले लेती है और अनेक घरों की रोशनी को बुझा देती है।
प्रतिदिन अखबार इस तरह की खबरों से भरे रहते हैं कि पढ़ाई से बढ़े तनाव के कारण कुछ युवाओं ने अपने जीवन का अंत कर दिया और अपने पीछे बिलखते माता-पिता और परिवार को छोड़ दिया। इस स्थिति का अंत होना चाहिए—और यही इस पुस्तक का उद्देश्य है।
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