नई पुस्तकें >> सामाजिक चेतना का अग्रदूत मन की बात सामाजिक चेतना का अग्रदूत मन की बातसिद्धार्थ शंकर गौतम
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
लोकप्रियता के नए आयाम स्थापित कर चुका भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ लोगों के हृदय में स्थान बनाने के साथ ही जन-चेतना जाग्रत् करने के सशक्त माध्यम के रूप में उभरकर आया है। ‘मन की बात’ मात्र एकपक्षीय कार्यक्रम नहीं है, वरन् इसके द्वारा आम लोगों की बात एवं मनोस्थिति को पूरा देश सुनता है। वैश्विक परिदृश्य में ‘मन की बात’ इकलौता ऐसा कार्यक्रम है, जिसके चलते देश का प्रधानसेवक अपनी जनता से सीधे जुड़ा हुआ है।
‘सामाजिक चेतना का अग्रदूत : मन की बात’ द्वारा कार्यक्रम से जुड़े जन-हितैषी मुद्दों की गहन पड़ताल की गई है कि कैसे उक्त मुद्दों ने सामाजिक-चेतना जाग्रत् करने का उपक्रम किया है। लेखक ने गहन शोध और अध्ययन करके इस कार्यक्रम के माध्यम से जो चेतना, और समझ विकसित की है, इसमें उसका लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। हर माह प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में ऐसे विषयों को संबोधित करते हैं, जो राजनीति से परे परंतु आम आदमी के हितों से सीधे जुड़े होते हैं। निश्चित रूप से उनकी यह पहल अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला रही है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। पुस्तक द्वारा यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे राजनीति से इतर भी आम आदमी राष्ट्र की मुख्यधारा में जुड़कर अपने समाज व राष्ट्र की उन्नति में योगदान दे सकता है।
‘सामाजिक चेतना का अग्रदूत : मन की बात’ द्वारा कार्यक्रम से जुड़े जन-हितैषी मुद्दों की गहन पड़ताल की गई है कि कैसे उक्त मुद्दों ने सामाजिक-चेतना जाग्रत् करने का उपक्रम किया है। लेखक ने गहन शोध और अध्ययन करके इस कार्यक्रम के माध्यम से जो चेतना, और समझ विकसित की है, इसमें उसका लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। हर माह प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में ऐसे विषयों को संबोधित करते हैं, जो राजनीति से परे परंतु आम आदमी के हितों से सीधे जुड़े होते हैं। निश्चित रूप से उनकी यह पहल अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला रही है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। पुस्तक द्वारा यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे राजनीति से इतर भी आम आदमी राष्ट्र की मुख्यधारा में जुड़कर अपने समाज व राष्ट्र की उन्नति में योगदान दे सकता है।
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