लोगों की राय
कहानी संग्रह >>
मानुस
मानुस
प्रकाशक :
भारतीय ज्ञानपीठ |
प्रकाशित वर्ष : 2010 |
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ :
सजिल्द
|
पुस्तक क्रमांक : 10357
|
आईएसबीएन :9788126318834 |
|
0
|
हिंदी के युवा कथाकार गौरीनाथ का दूसरा कहानी-संग्रह है 'मानुस'। गौरीनाथ अपने आसपास के छोटे-छोटे ब्योरों से जीवन्त कथास्थितियाँ रचते हैं….
हिंदी के युवा कथाकार गौरीनाथ का दूसरा कहानी-संग्रह है 'मानुस'। गौरीनाथ अपने आसपास के छोटे-छोटे ब्योरों से जीवन्त कथास्थितियाँ रचते हैं। उनकी कथा-भाषा गरीबी के जिस सौन्दर्य को प्रस्तुत करती है उसमें गरीबों के दुःख और गुमान दोनों व्यक्त हुए हैं।
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai