| कहानी संग्रह >> उलटबाँसी उलटबाँसीकविता
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सहज लेकिन अलग भावभूमि पर खड़ी कथावस्तु के कारण अपने समकालीनों में दूर से पहचान ली जानेवाली कविता का यह दूसरा कथा-संग्रह
सहज लेकिन अलग भावभूमि पर खड़ी कथावस्तु के कारण अपने समकालीनों में दूर से पहचान ली जानेवाली कविता का यह दूसरा कथा-संग्रह 'उलटबाँसी' जीवन-मूल्यों में हो रहे परिवर्तनों के द्वन्द्व के बीच आत्मनिर्भरता के विश्वास को रेखांकित करता है। तेज रफ्तारवाले समय और बदलते परिवेश में नए स्त्री-सत्यों का अन्वेषण करतीं ये कहानियाँ स्त्री-मुक्ति का एक समानान्तर संसार भी बुनती हैं।
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