लेख-निबंध >> शताब्दी के ढलते वर्षों में शताब्दी के ढलते वर्षों मेंनिर्मल वर्मा
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प्रश्नाकुल अनुभव से जन्मे निर्मल वर्मा के ये निबंध पिछले चार दशकों के दौरान लिखे गए निबंधों और लेखों का स्वयं उनके द्वारा किया गया चयन है
प्रश्नाकुल अनुभव से जन्मे निर्मल वर्मा के ये निबंध पिछले चार दशकों के दौरान लिखे गए निबंधों और लेखों का स्वयं उनके द्वारा किया गया चयन है. इनमें स्वयं अपने बारे में और साथ ही सांस्कृतिक अस्मिता के बारे में रचनाकार के आत्ममंथन की प्रक्रिया ने रूपाकार ग्रहण किया है. समाज, संस्कृति और धर्म आदि शुद्ध साहित्यिक प्रश्नों के अलावा कुछ विशिष्ट रचनाकारों पर भी निर्मल वर्मा ने दृष्टि केन्द्रित की है.
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