लोगों की राय

उपन्यास >> अग्निपर्व

अग्निपर्व

ऋता शुक्ल

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :138
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 10435
आईएसबीएन :9789326355049

Like this Hindi book 0

रक्त-मांस के सम्बन्धों में गुँथे हुए विघटनवादी विषैले प्रभावों से दूर मनोमय जगत के दिव्य बन्धन को अपने लिए…

रक्त-मांस के सम्बन्धों में गुँथे हुए विघटनवादी विषैले प्रभावों से दूर मनोमय जगत के दिव्य बन्धन को अपने लिए शाश्वत प्राप्य मानकर कोई यात्रा जब आगे बढती है तब पीछे के कितने ही पड़ाव साथ नहीं दे पाते, यह अनुभव ही इस अग्निपर्व की सबसे बड़ी रसद है और यह प्रतीति ही इसकी एकमात्र प्रतिबद्धता.

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book