जैन साहित्य >> तत्त्वार्थवृत्ति (संस्कृत, हिन्दी) तत्त्वार्थवृत्ति (संस्कृत, हिन्दी)श्रुतसागर सूरि
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जैन आगम में लोकप्रिय आचार्य उमास्वामी (प्रथम शताब्दी ईस्वी) के ग्रन्थ 'तत्त्वार्थाधिगमसूत्र' को संक्षेप में 'तत्त्वार्थसूत्र' और दूसरे शब्दों में 'मोक्षशास्त्र' कहते हैं.
जैन आगम में लोकप्रिय आचार्य उमास्वामी (प्रथम शताब्दी ईस्वी) के ग्रन्थ 'तत्त्वार्थाधिगमसूत्र' को संक्षेप में 'तत्त्वार्थसूत्र' और दूसरे शब्दों में 'मोक्षशास्त्र' कहते हैं. लगभग एक हजार श्लोक प्रमाण 'तत्त्वार्थवृत्ति' में आचार्य श्रुतसागरसूरि ने ग्रन्थ को सुबोध शब्दों में समझाने का सार्थक प्रयत्न किया है. इस महान ग्रन्थ का वैज्ञानिक पद्धति से सम्पादन और सरल शब्दों में भावानुवाद किया है डॉ. महेन्द्र कुमार जैन न्यायाचार्य ने, जो भारतीय न्याय, दर्शन, संस्कृति, इतिहास के पारगामी विद्वान रहे हैं.
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