जैन साहित्य >> वीरवर्धमानचरित (संस्कृत, हिन्दी) वीरवर्धमानचरित (संस्कृत, हिन्दी)सकल कीर्ति
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भट्टारक सकलकीर्ति विरचित 'वीरवर्धमानचरित' पन्द्रवीं शती का संस्कृत काव्य-ग्रन्थ है.
भट्टारक सकलकीर्ति विरचित 'वीरवर्धमानचरित' पन्द्रवीं शती का संस्कृत काव्य-ग्रन्थ है. दिगम्बर परम्परा में भगवान महावीर के चरित पर संस्कृत में काव्य-रचना करने वाले कवियों में आचार्य गुणभद्र और कवि असग के बाद भट्टारक सकलकीर्ति का नाम उल्लेखनीय है. प्रस्तुत काव्य में उन्नीस अधिकार हैं. प्रारम्भ के छह अधिकारों में भगवान महावीर के पूर्वभवों का चित्रण है और शेष अधिकारों में उनके तीर्थंकर जीवन का.
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