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जैन साहित्य >> पद्मपुराण (संस्कृत, हिन्दी) 2

पद्मपुराण (संस्कृत, हिन्दी) 2

आचार्य रविषेण

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :552
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10500
आईएसबीएन :9788126318629

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जैन परम्परा में मर्यादापुरुषोत्तम राम की मान्यता त्रेसठ शलाकापुरुषों में है.

जैन परम्परा में मर्यादापुरुषोत्तम राम की मान्यता त्रेसठ शलाकापुरुषों में है. उनका एक नाम पद्म भी था. जैन-पुराणों एवं चरितकाव्यों में यही नाम अधिक प्रचलित रहा है. आचार्य रविषेण (सातवीं शती) का प्रस्तुत ग्रन्थ पद्मपुराण संस्कृत के सर्वोत्कृष्ट चरितप्रधान महाकाव्यों में परिगणित है. पुराण होकर भी काव्यकला, मनोविश्लेषण, चरित्रचित्रण आदि में यह काव्य इतना अद्भुत है कि इसकी तुलना किसी अन्य पुराण काव्य से नहीं की जा सकती है.

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