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जैन साहित्य >> दक्षिण भारत में जैन धर्म

दक्षिण भारत में जैन धर्म

कैलाशचन्द्र शास्त्री

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2001
पृष्ठ :208
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10524
आईएसबीएन :8126306750

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जैनधर्म का प्रचार दक्षिण भारत में सदियों से रहा है. ईसा पूर्व छठी शती तक के ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध हैं.

जैनधर्म का प्रचार दक्षिण भारत में सदियों से रहा है. ईसा पूर्व छठी शती तक के ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध हैं. दक्षिण भारत अर्थात भारत के तेलुगु, तमिल और कन्नड़ भाषा-भाषी प्रदेशों में जैनधर्म का प्रवेश कब हुआ, किस प्रकार वह सामाजिक जीवन को सर्वांग रूप से व्याप्त करता गया, किस प्रकार सारे दक्षिण में जैन केन्द्रों की एक अटूट श्रंखला निर्मित होती गयी.--इस सम्पूर्ण सामग्री के अध्ययन तथा परिक्षण-पर्यालोचन का प्रयत्न है प्रस्तुत कृति 'दक्षिण भारत में जैनधर्म'.

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