जैन साहित्य >> संगीत समयसार संगीत समयसारआचार्य पाश्र्वनाथ
|
0 |
जैनाचार्य पार्श्वदेव (13वीं शती ई.) कृत संस्कृत का यह प्राचीन ग्रन्थ भारतीय संगीतशास्त्र के इतिहास की एक अचर्चित किन्तु महत्त्वपूर्ण कड़ी है.
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined offset: 1
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|
लोगों की राय
No reviews for this book