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प्रद्युम्नचरित (संस्कृत हिन्दी)

आचार्य महासेन

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :456
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10531
आईएसबीएन :8126311231

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श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के पुत्र प्रद्युम्न का प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र जैन परम्परा में भी उतना ही समादृत है जितना वैदिक परम्परा में.

श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के पुत्र प्रद्युम्न का प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र जैन परम्परा में भी उतना ही समादृत है जितना वैदिक परम्परा में. जैन आचार्यों एवं महाकवियों ने संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश में इस लोकप्रिय नायक के पुण्य चरित्र को आधार बनाकर अनेक काव्यों की रचना की है. इसी श्रंखला में आचार्य महासेन (दसवीं-ग्यारहवीं शती) द्वारा संस्कृत में निबद्ध महाकाव्य 'प्रद्युम्नचरित' का अपना वैशिष्ट्य है.

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