नई पुस्तकें >> शाहनामा ए फिरदौसी शाहनामा ए फिरदौसीनासिरा शर्मा
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**"फिरदौसी और शाहनामा : शाश्वत ज्ञान का सरस अनुवाद"**
हर आन कस की दारद हूश व राइ व दीन
पस अज़ मर्ग बर मन कुनद आफ़रीन
(हर वह व्यक्ति जो साहित्य को परखने की दृष्टि रखता है, वह मेरे मरने के बाद भी मेरे कृत्य की प्रशंसा अवश्य करेगा।)
विश्व के महान् कवि और चिन्तक फ़िरदौसी का जन्म 10वीं शती में हुआ था। वह प्रखर मेधा के धनी थे। उन्होंने शाहनामा जैसे महाकाव्य की रचना की। 60,000 शेरों की यह कालजयी कृति आज लगभग हज़ार साल बाद भी विश्व-भर में चर्चित है और इसके बृहदाकार के कारण इसकी तुलना होमर के ‘इलियड’ तथा महर्षि वेद व्यास के महाभारत से की जा सकती है। शाहनामा में इंसानियत, श्रेष्ठ जीवन, गुण-अवगुण तथा स्त्री जाति के पक्ष में विचार दिए गए हैं।
हिन्दी की प्रख्यात लेखिका नासिरा शर्मा ने सरस और रोचक शैली में फ़िरदौसी तथा ‘शाहनामा’ का परिचय और अनुवाद किया है।
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