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पतन
पतन
प्रकाशक :
लोकभारती प्रकाशन |
प्रकाशित वर्ष : 2009 |
पृष्ठ :127
मुखपृष्ठ :
सजिल्द
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पुस्तक क्रमांक : 11043
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आईएसबीएन :9788180315664 |
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
प्रस्तुत पुस्तक ‘पतन’ वर्मा जी का प्रथम उपन्यास है जिसकी रचना उन्होंने अपने कालेज के दिनों में की थी। भगवती चरण वर्मा हिन्दी जगत के जाने माने विख्यात उपन्यासकार हैं। आपके सभी उपन्यासों में एक विविधता है। हास्य-व्यंग्य, समाज, मनोविज्ञान और दर्शन सभी विषयों पर उपन्यास लिखे हैं। कवि और कथाकार होने के कारण वर्माजी के उपन्यासों में भावनात्मक और बौद्धिकता का सामंजस्य मिलता है। वर्माजी के उपन्यासों को पढ़ते समय यह सदा ध्यान रखना चाहिये कि वे मूलतः एक छायावादी और प्रगतिवादी कवि हैं और उनके कथा साहित्य में कविता की भावना की प्रधानता बौद्धिक यथार्थ से कभी अलग नहीं होती। उपन्यासों के अब तक परम्परागत शिथिल और बने-बनाये रूप विन्यास और कथन शैली की नयी शक्ति और सम्पन्नता ही नहीं वरन कथावस्तु का नया विस्तार भी मिला।
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