भारतीय जीवन और दर्शन >> अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचित अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचितसुबोधचन्द्र पंत
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वेताल भट्ट
विक्रम और वेताल की कहानी जगतप्रसिद्ध है। 'वेताल पंचविंशति' के रचयिता
यही थे, किन्तु कहीं भी इनका नाम देखने-सुनने को अब नहीं मिलता। 'वेताल
पच्चीसी' से ही यह सिद्ध होता है कि सम्राट विक्रम के वर्चस्व से
वेतालभट्ट कितने प्रभावित थे। यही इनकी एक मात्र रचना उपलब्ध है।
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