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गीता प्रेस, गोरखपुर >> बालको को सीख

बालको को सीख

हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1141
आईएसबीएन :81-293-0623-9

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बालकों के मन पर उत्तम संस्कार डालने वाली बहुत सी काम की बातें इस पुस्तक में दी गई है जो उनके चरित्र-निर्माण में पर्याप्त सहायक सिद्ध होगी।

Balkon Ko Seekh -A Hindi Book by Hanuman Prasad Poddar - बालको को सीख - हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

नम्र निवेदन

इस छोटी-सी पुस्तक में लेखक के द्वारा छोटे-छोटे वाक्यों में बालकों के मन पर उत्तम संस्कार डालने वाली बहुत-सी कामकी बातें दी गयी हैं, जो उनके चरित्र-निर्माण में पर्याप्त सहायक सिद्ध होंगी। यदि इस पुस्तक से बालकों का कुछ भी उपकार हुआ तो हमलोग अपना प्रयास सफल समझेंगे।

विनीत
हनुमान प्रसाद पोद्दार

बालकों को सीख

(1)


कृतज्ञ रहो


जिस भगवान् ने तुम्हें मनुष्य
बनाया, उस भगवान् के प्रति कृतज्ञ रहो।


जिस भगवान् ने तुम्हारे लिए फल, अन्न और जल बनाया, उस भगवान् के प्रति कृतज्ञ रहो।
 
जिस भगवान् ने तुम्हें सुखकी सब वस्तुएँ दीं, उस भगवान् के प्रति कृतज्ञ रहो।
जिस देश में तुम्हारा जन्म हुआ,
उस देश के प्रति कृतज्ञ रहो।
जिस देश में तुम्हारा पालन हुआ,
उस देश के प्रति कृतज्ञ रहो। जिस देश में तुम बढ़े—सुखी हुए,
उस देश के प्रति कृतज्ञ रहो।


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