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गीता प्रेस, गोरखपुर >> आओ बच्चों तुम्हें बतायें

आओ बच्चों तुम्हें बतायें

बंशीधर

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2003
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 1143
आईएसबीएन :00000

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प्रस्तुत पुस्तक में बच्चों को उत्तम शिक्षा प्रदान करने वाली कहानियों का वर्णन किया गया है।

Aao Bachchon Tumhe Batayein A Hindi Book by Banshidhar - आओ बच्चों तुम्हें बतायें - बंशीधर

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

हे भगवान्

हे भगवान हे भगवान।
करो सभी का तुम कल्यान।।
बन जायें हम सब बिद्वान।
करें तुम्हारा फिर गुन-गान।।

 

सूरज की कहानी


सूरज आग का धधकता गोला है।
सूरज का परिवार बहुत बड़ा है।
सूरज का परिवार बहुत दूर तक फैला हुआ है।
सूरज के परिवार में नौ बच्चे हैं।
सूरज का परिवार सूरज के चारों ओर घूमता है।
सूरज धरती से लगभग 9 करोड़ तीस लाख मील दूर है।
सूरज का प्रकाश बड़ी तेजी से चलता है।
यह एक सेकंड में 1,86,000 मील चलता है।
सूरज हमारे जीवन का सहारा है।
सूरज हमें प्रकाश देता है, गरमी देता है।
सूरज की गर्मी से फल-फूल पकते हैं।
सूरज की गरमी से अनाज पकते हैं।
सूरज गंदगी को नष्ट करता है।
सूरज बारिस बरसाता है।
सूरज कुशल डॉक्टर है।
सूरज बीमारी के कीड़ों को मारता है।
सूरज रोगों को दूर करता है।
सूरज हमारा बहुत काम करता है।
सूरज हमको जिन्दा रखता है।
सूरज नहीं तो दुनिया नहीं।


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