गीता प्रेस, गोरखपुर >> सूक्तिसुधाकर सूक्तिसुधाकरगीताप्रेस
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सूक्तिसुधाकर ...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
निवेदन
संसार के सर्वोत्तम सुमधुर संस्कृत साहित्य से संग्रहीत इस सूक्तिसुधाकर
में श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रासाद-माधुर्य आदि गुणों से
समन्वित सारभूत श्लोकों का संचय किया गया है।
यहाँ से प्रकाशित हुए इसी प्रकार के संग्रह ‘स्तोत्ररत्नावली’ में जिन श्लोकों का समावेश हो चुका है, वे इसमें पुनरुक्ति न हों, इसलिये नहीं दिये गये हैं, एक प्रकार से तो एक ही संग्रह के ये दो खण्ड हैं।
विद्यार्थी, लेखक और व्याख्यानदाता आदि को जिन सुन्दर श्लोकों को कण्ठस्थ करने या उद्धृत करने की सर्वदा आवश्यकता होती है, प्राय: वैसी ही सामग्री को इसमें संग्रह करने की चेष्टा की गयी है।
जितने श्लोकों के पते मिल सके, वे उन-उन श्लोकों के साथ लगा दिये गये हैं, परन्तु जिनका पता नहीं दिया गया है, उनके लिये विद्वान पाठकों से निवेदन है कि जिन्हें मालूम हो वे लिख भेजने की कृपा करें।
श्लोक ढूँढने की सुविधा के लिये अन्त में श्लोक-सूची भी लगा दी गयी है। आशा है सूक्तिरसज्ञ इससे यथेष्ट लाभ उठायेंगे।
यहाँ से प्रकाशित हुए इसी प्रकार के संग्रह ‘स्तोत्ररत्नावली’ में जिन श्लोकों का समावेश हो चुका है, वे इसमें पुनरुक्ति न हों, इसलिये नहीं दिये गये हैं, एक प्रकार से तो एक ही संग्रह के ये दो खण्ड हैं।
विद्यार्थी, लेखक और व्याख्यानदाता आदि को जिन सुन्दर श्लोकों को कण्ठस्थ करने या उद्धृत करने की सर्वदा आवश्यकता होती है, प्राय: वैसी ही सामग्री को इसमें संग्रह करने की चेष्टा की गयी है।
जितने श्लोकों के पते मिल सके, वे उन-उन श्लोकों के साथ लगा दिये गये हैं, परन्तु जिनका पता नहीं दिया गया है, उनके लिये विद्वान पाठकों से निवेदन है कि जिन्हें मालूम हो वे लिख भेजने की कृपा करें।
श्लोक ढूँढने की सुविधा के लिये अन्त में श्लोक-सूची भी लगा दी गयी है। आशा है सूक्तिरसज्ञ इससे यथेष्ट लाभ उठायेंगे।
-प्रकाशक
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