गीता प्रेस, गोरखपुर >> साधन पथ साधन पथहनुमानप्रसाद पोद्दार
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साधन पथ ...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
निवेदन
इस छोटी–सी पुस्तिका में जो कुछ लिखा गया है वह बड़े
अच्छे-अच्छे
लोगों के अनुभव की बातें हैं, अतएव यह दावें के साथ कहा जा सकता है कि इस
छोटी-सी पुस्तिका के अनुसार अपना जीवन बनानेवाले सज्जन- साधन-पथ निस्संदेह
बहुत कुछ अग्रसर हों सकेंगे।
इस पुस्तिकाका अंग्रेजी अनुवाद Kalyan Kalpataru मासिक पत्र में धारावाहिक निकल चुका है। अब अलग पुस्तकाकार भी Way to God-Realization के नाम से छप चुका है। मराठी आदि के पत्रों में भी इसके अनुवाद प्रकाशित हुए थे। मेरी विनीत प्रार्थना है कि सच्चे सुखकी अभिलाषी सज्जन कुछ दिन प्रयत्न करके देखें।
इस पुस्तिकाका अंग्रेजी अनुवाद Kalyan Kalpataru मासिक पत्र में धारावाहिक निकल चुका है। अब अलग पुस्तकाकार भी Way to God-Realization के नाम से छप चुका है। मराठी आदि के पत्रों में भी इसके अनुवाद प्रकाशित हुए थे। मेरी विनीत प्रार्थना है कि सच्चे सुखकी अभिलाषी सज्जन कुछ दिन प्रयत्न करके देखें।
-प्रकाशक
साधन-पथ
जीवन का परम ध्येय
हरिरेव परं ब्रह्म हरिरेव परा गतिः।
हरिरेव परा मुक्तिर्हरिर्गेयः सनातनः।।
हरिरेव परा मुक्तिर्हरिर्गेयः सनातनः।।
-भगवान् व्यास
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