गीता प्रेस, गोरखपुर >> सब जग ईश्वररूप है सब जग ईश्वररूप हैस्वामी रामसुखदास
|
6 पाठकों को प्रिय 78 पाठक हैं |
प्रस्तुत है सब जग ईश्वररूप है....
इस पुस्तक में भक्तियोग की मुख्यता है गीता में भगवान् वासुदेवःसर्वम् की बात भक्तियोग की दृष्टि से कही है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book